Friday, September 28, 2012

FEAR

FEAR

Vulnerable is the mightiest,

Helpless is the seer,

Insecure is the richest,

When driven by the fear.


~ Indira

Haiku- Captive

Captive in the cage
Soul prays to be liberated
From all agonies
~indira

A little negativity sometimes you need

Little ego for self-esteem
Patience when you go off beam
Stubbornness when you think you are just
Politeness is always a must
Hunger for success in life
Grace whenever there is strife
Anger when someone is abused
Presence of mind when you are confused
Righteousness when there is a fight
Calmness when situation is tight
Little selfishness to make yourself happy
Peace of mind so you are not snappy
Conscience to stay away from vice
Strength when difficulties arise
A little negativity sometimes you need
Positivity is always right
~ indira

शिकवा

मैं भी मुह मैं जुबां रखता हूँ
काश पूछो की माज़रा क्या है
जबकि तुम बिन नहीं कोई मौजूद
फिर ये हंगामा ,ए खुदा क्या है
----------------------------
सब हैं अपनी सुनाने को बेताब यहाँ
कोई पूछे कैसे की माजरा है क्या
अपने गम से ही सब है मारे हुए
तेरे गम की खबर रखे कोई क्या
रोजी रोटी की खातिर बस गए सब यहाँ और वहां
किसी को किसी का आसरा है क्या
भूले बिसरे जो याद करले कोई
उसीका शुक्रिया अदा  कर
किसीसे कोई शिकवा करना क्या

~इंदिरा 

बढ़े चलो

हंसी तेरी मिटे नहीं,
कठनाई से डरे नहीं
कदम तेरे रुके नहीं
पीछे नहीं देखना
बढ़े चलो, बढ़े चलो |
रास्ता सरल नहीं,
आसन तो कुछ नहीं,
हिम्मत और हौसला हो तो,
मुश्किल तो कुछ भी नहीं
दिल में विश्वास ले,
बढे चलो, बढे चलो |
छल , कपट, प्रपंच नहीं,
मन में रखो द्वन्द नहीं,
इतना प्यार सबसे करो,
जीत लो सबको तुम
लक्ष्य अपना साध के,
बढे चलो, बढे चलो|

~इंदिरा 

चूहे

एक समय की बात है
श्रीगणेश भोग लगाते थे
और चूहे प्रसाद से तृप्त हो जाते थे
अब चूहे भोग लगाते हैं
और प्रसाद भी हड़प जाते हैं
भगवान् सिर्फ मूर्ती बने देखते ही रह जाते हैं
ठीक उसी तरह जैसे जनता की भलाई में लगाया जाने वाला धन
चूहे रुपी भृष्ट लोग हड़प जाते हैं
देश एक जहाज है
कहते हैं ,
जब जहाज डूबने लगता है तो सबसे पाहिले
चूहे भाग जाते हैं
पर उस जहाज का क्या
जिसे चूहे ही चलाते हैं |
~इंदिरा 

Thursday, May 10, 2012

बेटियों की ये दशा

कहीं एक बेटी जिन्दा दफनाई गयी
कही एक बेटी अस्त्रोपचार  कर बेटा बनाई गयी
कही कोई दहेज़ के वास्ते
जिन्दा जलाई गयी
बेटियों की ये दशा देख मन बहुत रोता है
चीख चीख कहता है
‘अगले जनम मोहे बिटिया तो कीजो
पैर ऐसी जगह जनम ना दीजो’
जहाँ
मुझे पूजा तो जाये पर
समान हक दिया ना जाये
आगे बढ़ने का
अवसर ना दिया जाये
मैं  किसे जीवनसाथी चुनू ,
मेरी कोंख से कौन जनम ले
ये चुनने का हक मुझे ना दिया जाये
साधू संतों ,ज्ञानी गुनियों के इस देश में
इतना अनादर  मुझसे
सहा ना जाये
नहीं   चाहिए   पूजा
नहीं चाहिए आसमान के चाँद तारे
मुझे तो चाहिए बस वही देश जहाँ
प्यार हो ,सम्मान हो
और मुझे आंसू ना दीजो
बस अगला जनम वहीँ पे दीजो.
~इंदिरा 

Wednesday, May 9, 2012

If a religion does not teaches love, compassion, understanding and how to get along with each other and other religions, to its followers,then it is imperfect.